दिल पर तेरा नाम बहुत है
मुझ को ये इनाम बहुत है !
चूल्हा ठंडा जेबें खाली
आज हमे आराम बहुत है!
हाँ हाँ तुम यमदूत हो लेकिन
अभी यहाँ पर काम बहुत है !
चाहूँ तो ख़ुम ख़ाली कर दूँ
वैसे तो एक जाम बहुत है !
मेरी मय ख्वारी का चर्चा
इस बस्ती में आम बहुत है !
सच पूछो तो गावं का मुखिया
बद कम है बदनाम बहुत है !
गजल -वजल, कल वल कह लेना
आज तो घर में काम बहुत है !
(ख़ुम =घडा / शराब का घडा )
bahut khoob sir ... kya gazal kahi hai ...
जवाब देंहटाएं02/04/2013 को आपकी यह बेहतरीन पोस्ट http://nayi-purani-halchal.blogspot.in पर लिंक की जा रही हैं .... !!
जवाब देंहटाएंआपके सुझावों का स्वागत है .... !!
धन्यवाद !!
bahut sunder, anand aa gaya.
जवाब देंहटाएंहाँ हाँ तुम यमदूत हो लेकिन
जवाब देंहटाएंअभी यहाँ पर काम बहुत है------waah bahut khub
aagrah hai aap bhi mere blog main sammlit hon
utam :)-***
जवाब देंहटाएंbahut hi umda gazal hai sir,bdhai....
जवाब देंहटाएंbahut khoob .vah ...
जवाब देंहटाएंसादर जन सधारण सुचना आपके सहयोग की जरुरत
जवाब देंहटाएंसाहित्य के नाम की लड़ाई (क्या आप हमारे साथ हैं )साहित्य के नाम की लड़ाई (क्या आप हमारे साथ हैं )
चूल्हा ठंडा जेबें खाली
जवाब देंहटाएंआज हमे आराम बहुत है!
वाह ...
बेहद प्रभावशाली ! आपका स्वागत है !
वाह.....सहज प्रवाह....बहुत खूब!
जवाब देंहटाएंलाजवाब..वाह!
जवाब देंहटाएंवाह वाह....
जवाब देंहटाएंबेहतरीन ग़ज़ल....
हाँ हाँ तुम यमदूत हो लेकिन
अभी यहाँ पर काम बहुत है !
कमाल के शेर कहे हैं...
सादर
अनु