मंगलवार, 12 मार्च 2013

दिल पर तेरा नाम बहुत है





दिल पर तेरा नाम बहुत है 
मुझ को ये इनाम बहुत है !

चूल्हा  ठंडा   जेबें    खाली 
आज हमे आराम बहुत है!

हाँ हाँ तुम यमदूत हो लेकिन 
अभी यहाँ पर काम बहुत है !

चाहूँ तो ख़ुम ख़ाली कर दूँ 
वैसे तो एक जाम बहुत है !

मेरी मय  ख्वारी  का  चर्चा 
इस बस्ती में आम बहुत है !

सच पूछो तो गावं का मुखिया 
बद कम  है  बदनाम  बहुत है !

गजल -वजल, कल वल कह लेना 
आज तो  घर   में   काम बहुत है !

(ख़ुम =घडा / शराब का घडा )

12 टिप्‍पणियां:

  1. 02/04/2013 को आपकी यह बेहतरीन पोस्ट http://nayi-purani-halchal.blogspot.in पर लिंक की जा रही हैं .... !!
    आपके सुझावों का स्वागत है .... !!
    धन्यवाद !!

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  2. हाँ हाँ तुम यमदूत हो लेकिन
    अभी यहाँ पर काम बहुत है------waah bahut khub
    aagrah hai aap bhi mere blog main sammlit hon

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  3. सादर जन सधारण सुचना आपके सहयोग की जरुरत
    साहित्य के नाम की लड़ाई (क्या आप हमारे साथ हैं )साहित्य के नाम की लड़ाई (क्या आप हमारे साथ हैं )

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  4. चूल्हा ठंडा जेबें खाली
    आज हमे आराम बहुत है!

    वाह ...
    बेहद प्रभावशाली ! आपका स्वागत है !

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  5. वाह वाह....
    बेहतरीन ग़ज़ल....
    हाँ हाँ तुम यमदूत हो लेकिन
    अभी यहाँ पर काम बहुत है !
    कमाल के शेर कहे हैं...
    सादर
    अनु

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