मंगलवार, 12 मार्च 2013

दिल पर तेरा नाम बहुत है





दिल पर तेरा नाम बहुत है 
मुझ को ये इनाम बहुत है !

चूल्हा  ठंडा   जेबें    खाली 
आज हमे आराम बहुत है!

हाँ हाँ तुम यमदूत हो लेकिन 
अभी यहाँ पर काम बहुत है !

चाहूँ तो ख़ुम ख़ाली कर दूँ 
वैसे तो एक जाम बहुत है !

मेरी मय  ख्वारी  का  चर्चा 
इस बस्ती में आम बहुत है !

सच पूछो तो गावं का मुखिया 
बद कम  है  बदनाम  बहुत है !

गजल -वजल, कल वल कह लेना 
आज तो  घर   में   काम बहुत है !

(ख़ुम =घडा / शराब का घडा )