दिल पर तेरा नाम बहुत है
मुझ को ये इनाम बहुत है !
चूल्हा ठंडा जेबें खाली
आज हमे आराम बहुत है!
हाँ हाँ तुम यमदूत हो लेकिन
अभी यहाँ पर काम बहुत है !
चाहूँ तो ख़ुम ख़ाली कर दूँ
वैसे तो एक जाम बहुत है !
मेरी मय ख्वारी का चर्चा
इस बस्ती में आम बहुत है !
सच पूछो तो गावं का मुखिया
बद कम है बदनाम बहुत है !
गजल -वजल, कल वल कह लेना
आज तो घर में काम बहुत है !
(ख़ुम =घडा / शराब का घडा )